रचनाएँ मेरे दिल से !
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जीवन पथ पर होते हैं कुछ सवाल ऐसे
जिनका उत्तर न मिलता कभी
फिर भी चलता है ब्यक्ति उसी पथ पर
शायद मिल जाए जीवन में उनका उत्तर कभी
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हर पल में छिपा होता है जीवन का एक राज
कुछ समझ जाते हैं ,क्यों रह जाते हैं
कुछ उदास
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जीवन की मधुर बेला को समेटकर
जीने की चाहत में है हर वो इंसान
जिसने खो दिया अपना जीवन यूँ ही
कुछ पाने की चाहत में
सोचता था जो जीने की हर पल
आज वही है उदास अपने जीवन की साँझ में
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जीने की चाहत ने ला दिया आज
उस मोड़ पर क्यों हम सबको
जहाँ सेबंद है हर गली हर राह
बस रह जाता है उसका अंतिम चरण
सिर्फ उस ईश्वर का घर
जहाँ है रहना बस गंतव्य हर
मानव का अंतिम मकसद
वर्षा वार्ष्णेय
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