Menu
blogid : 20568 postid : 835189

है ब्÷ हर पल में छिपा होता है जीवन का एक राज कुछ समझ जाते हैं ,क्यों रह जाते हैं कुछ उदास ++++++×××× जीवन की मधुर बेला को समेटकर जीने की चाहत में है हर वो इंसान जिसने खो दिया अपना जीवन यूँ ही कुछ पाने की चाहत में सोचता था जो जीने की हर पल आज वही है उदास अपने जीवन की साँझ में ++++++++++ जीने की चाहत ने ला दिया आज उस मोड़ पर क्यों हम सबको जहाँ सेबंद है हर गली हर राह बस रह जाता है उसका अंतिम चरण सिर्फ उस ईश्वर का घर जहाँ है रहना बस गंतव्य हर मानव का अंतिम मकसद वर्षा वार्ष्णेय

रचनाएँ मेरे दिल से !
रचनाएँ मेरे दिल से !
  • 5 Posts
  • 1 Comment

जीवन पथ पर होते हैं कुछ सवाल ऐसे
जिनका उत्तर न मिलता कभी
फिर भी चलता है ब्यक्ति उसी पथ पर
शायद मिल जाए जीवन में उनका उत्तर कभी
× ×÷÷×÷÷÷
हर पल में छिपा होता है जीवन का एक राज
कुछ समझ जाते हैं ,क्यों रह जाते हैं
कुछ उदास

++++++××××

जीवन की मधुर बेला को समेटकर
जीने की चाहत में है हर वो इंसान
जिसने खो दिया अपना जीवन यूँ ही
कुछ पाने की चाहत में
सोचता था जो जीने की हर पल
आज वही है उदास अपने जीवन की साँझ में

++++++++++

जीने की चाहत ने ला दिया आज
उस मोड़ पर क्यों हम सबको
जहाँ सेबंद है हर गली हर राह
बस रह जाता है उसका अंतिम चरण
सिर्फ उस ईश्वर का घर
जहाँ है रहना बस गंतव्य हर
मानव का अंतिम मकसद
वर्षा वार्ष्णेय

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh